विधायक और कांग्रेस कैंडिडेट गुरमीत कुन्नर का निधन: श्रीकरणपुर में अब 25 नवंबर को वोटिंग नहीं, पिछले 3 चुनावों से 199 सीटों पर मतदान

विधायक और कांग्रेस कैंडिडेट गुरमीत कुन्नर का निधन: श्रीकरणपुर में अब 25 नवंबर को वोटिंग नहीं, पिछले 3 चुनावों से 199 सीटों पर मतदान
श्रीगंगानगर जिले के करणपुर से विधायक और कांग्रेस उम्मीदवार गुरमीत सिंह कुन्नर का दिल्ली एम्स में इलाज के दौरान निधन हो गया। ने में कुन्नर ने एम्स में बुधवार सुबह 4 बजे अंतिम सांस ली। कुन्नर को इसी सप्ताह ब्रेन अटैक के बाद पहले एसएमएस अस्पताल और फिर एम्स में भर्ती करवाया गया था, जहां इलाज के दौरान उनका निधन हो गया।
गुरमीत कुन्नूर के निधन के बाद अब करणपुर सीट पर 25 नवंबर को वोटिंग नहीं होगी। इस सीट पर अब चुनाव आयोग बाद में चुनाव करवाएगा। प्रदेश में लगातार यह तीसरा चुनाव है जब सभी 200 सीटों पर एक साथ वोटिंग नहीं होगी। इससे पहले 2013 में चूरू से बसपा उम्मीदवार का निधन होने के कारण, 2018 में रामगढ़ से एक में उम्मीदवार का निधन होने के कारण 199 सीटों पर ही चुनाव हुए थे।

सरपंच से शुरू किया राजनीतिक सफर, 3 बार विधायक बने

कुन्नर ने राजनीति की शुरुआत ग्राम पंचायत 25 बीबी के सरपंच के रूप में की। वहां से अलग-अलग पदों पर रहते हुए उन्होंने पहली बार वर्ष 1998 में श्रीकरणपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े और जीते। 2003 के चुनाव में पराजित होने के बाद पार्टी ने 2008 में उन्हें टिकट नहीं दिया। इस पर बागी होकर उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीते। इसके बाद गहलोत सरकार में कृषि विपणन राज्यमंत्री भी रहे। साल 2013 में वे चुनाव हारे और 2018 में एक बार फिर चुनाव विधानसभा पहुंचे। जीतकर
टिकट कटने पर निर्दलीय जीते थे

गुरमीत सिंह कुन्नर तीन बार विधायक रहे। पहली बार 1998 में में कांग्रेस की टिकट से विधायक बने । फिर 2003 में विधानसभा का चुनाव हार गए। हालांकि, 2008 में टिकट कटने पर बागी होकर निर्दलीय चुनाव जीते। गहलोत सरकार को समर्थन दिया, उन्हें कृषि विपणन मंत्री बनाया गया। इसके बाद 2013 का चुनाव हारे, लेकिन 2018 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते।