भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष गोदारा बागी ,चुनाव लड़ने का लिया फैसला

भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष गोदारा बागी ,चुनाव लड़ने का लिया फैसला
नोहर तेज़ | नोहर भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष व केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के स्वतंत्र निदेशक व भाजपा पंचायती राज प्रकोष्ठ के संयोजक काशीराम गोदारा ने शुक्रवार को पार्टी के खिलाफ बगावत करते हुए चुनाव मैदान में उतरने की घोषणा कर दी। गोदारा निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे या किसी पार्टी से इसका उन्होंने अभी खुलासा नहीं किया है। महापंचायत की अध्यक्षता महंत रामनाथ अवधूत की। आरएलपी, आम आदमी पार्टी व जेजेपी ने अभी तक नोहर विधानसभा क्षेत्र से अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है। शुक्रवार को अपने निवास स्थान पर आयोजित महापंचायत में काशीराम गोदारा ने कहा कि वह भाजपा से लगातार जुड़कर किसानों की लड़ाई लड़ते रहे उन्होंने ने कहा कि पार्टी संगठन की ओर से हर बार उन्हें केवलआश्वासन दिया जाता रहा लेकिन आश्वासन पर कभी खरा नही उतरे गोदारा ने महापंचायत में कार्यकर्ताओ से हाथ ऊंचे करवाकर समर्थन मांगा और विधानसभा चुनाव में जुटने की अपील की। काशीराम गोदारा ने अपने संबोधन में कहा कि संघर्ष की राह कठिन है। हक व अधिकार के लिए उनकी लड़ाई जारी रहेगी। क्षेत्र की मुख्य समस्या सिंचाई पानी के लिए उनका संघर्ष निरंतर जारी रहेगा। उन्होंने सभी से विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटने की अपील करते हुए चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। काशीराम ने कहा कि वे निर्दलीय या किसी पार्टी से चुनाव लड़ेंगे इसका निर्णय जल्द लेगे। महापंचायत में भाजपा के जिला मंत्री नरेंद्र चौधरी ने जिला मंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा की। पार्टी ने बहुत कुछ दिया है भाजपा के बागी काशीराम गोदारा की महापंचायत में उस माहौल गर्मा गया जब कस्बे वार्ड नंबर 40 पार्षद प्रतिनिधि कृष्ण गोदारा ने उपस्थित लोगों से पहले ही स्पष्ट शब्दों में कह दिया कि आप में अगर सुनने की क्षमता है तो मैं बोलूं, नहीं तो चुप रहूं। इस पर वहां मौजूद लोगों ने कहा कि बोलो प्रत्येक को अपनी बात रखने का हक है। कृष्ण गोदारा ने स्पष्ट रूप से कहा कि काशीराम को पार्टी ने बहुत कुछ दिया है। आगे भी बहुत मौके मिलेंगे। ये चुनाव कोई अंतिम चुनाव नहीं है। आप पार्टी के साथ रहें । ये जो बाहर खड़े हैं साइड में ये भेजे हुए आदमी हैं। जो आपके समर्थन मे नारेबाजी कर चले जाएंगे। ऐसे में आप को पार्टी के निर्णय के साथ रहना चाहिए । कृष्ण गोदारा की यह बातें सुनकर वहां मौजूद मंच संचालकों हके बके रह गए। उनको समझ नहीं आया कि माइक छीन लें या बोलने दें। काफी देर भाषण चलता रहा तो कुछ जनो ने आगे आकर माइक लेने की कौशिश की । इसके बाद कृष्ण गोदारा माइक छोड़कर चले गए। गोदारा ने कहा कि बिना पार्टी के कुछ नहीं बांटने वाला 1000 -1500 वोटो में ही मामला निपटा जाएगा । अनेक जनों ने संबोधन में मिली जुली प्रतिक्रिया देते हुए विचार रखे।