दिल्ली पुलिस ने चेन्नई के युवक को गिरफ्तार किया है. ये युवक गाजियाबाद में रहकर बीते कई साल से नकली नोट छापकर बेच रहा था. पुलिस का कहना है कि युवक काम की तलाश में दिल्ली आया था. इसके बाद वह एसी मैकेनिक बना. फिर एक केस में उसे अरेस्ट कर लिया गया. उसने जेल में नकली नोट छापना सीखा. आरोपी पांच करोड़ के नकली नोट छापने वाला था.
जेल में सीखा जाली नोट छापना
आरोपी प्रशांत उर्फ विशाल चेन्नई का रहने वाला है. वह साल 2013 में काम की तलाश में दिल्ली आया था. यहां विशाल ने एसी मैकेनिक का काम शुरू किया. साल 2015 में विशाल को गाजियाबाद की सिहानी गेट पुलिस ने चोरी की बाइक के साथ गिरफ्तार किया था. इसके बाद उसे डासना जेल भेज दिया गया. जेल में विशाल की मुलाकात अमित नाम के कैदी से हुई.
अमित ने विशाल को जाली नोट छापना सिखाया. जेल से बाहर निकलने के बाद विशाल ने जाली नोट छापना शुरू कर दिया. 2018 में पुलिस ने उसे जाली नोटों के साथ गिरफ्तार किया था. पकड़े जाने के बाद करीब 2 साल तक विशाल जेल में रहा और 2020 में बाहर आ गया. इसके बाद एक बार फिर उसने गाजियाबाद के लोनी इलाके में सेटअप लगाया और जाली नोट छापना शुरू कर दिया.
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के मुताबिक, उन्हें इस बात की जानकारी मिल गई थी कि कोई व्यक्ति जाली नोट के कारोबार से जुड़ा है. वह न सिर्फ 500, बल्कि 2000 के नकली नोट भी छाप रहा है. इसके बाद पुलिस ने जब और छानबीन की तो पता चला कि विशाल नाम का शख्स इस नेटवर्क को चला रहा है.
पुलिस को पता चला कि विशाल जाली नोट बेचने के लिए दिल्ली के इंद्रप्रस्थ पार्क के पास आने वाला है. पुलिस ने उस इलाके में निगरानी शुरू की और जैसे ही विशाल वहां पहुंचा तो उसे पकड़ लिया. विशाल के पास से 500 और 2000 के करीब 2 लाख के जाली नोट बरामद किए हैं.
पांच करोड़ के नोट छापने की तैयारी में था विशाल
जब दिल्ली पुलिस की टीम विशाल के लोनी स्थित ठिकाने पर पहुंची तो वहां का सेटअप देख पुलिस की टीम दंग रह गई. पहले तो पुलिस ने वहां से 4 लाख 70 हजार के छपे हुए जाली नोट बरामद किए.
बरामद नोट 200, 500 और 2000 के थे. इसके अलावा पुलिस ने कागज, धागा और कलर बरामद किया है, इस मैटेरियल से विशाल पांच करोड़ के जाली नोट छाप सकता था. पुलिस के मुताबिक, विशाल इन जाली नोट को आगे 30 प्रतिशत की रकम में बेच देता था।