अरोड़वंश समाज के अध्यक्ष को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है श्रीगंगानगर में अरोड़वंश समाज के अध्यक्ष को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। अरोड़वंश सनातन धर्म ट्रस्ट में नए चुनाव करवाने तथा हाल ही में संविधान में किए गए संशोधन के विरोध में पिछले कई दिनों से लगातार धरना जारी है। ऐसे मे लोहड़ी के दिन विपक्षी अरुट वंशियों ने अंकुर मिगलानी के नेतृत्व में हाल ही में संशोधित किए गए संविधान के विरोध को लेकर लोहड़ी की अग्नि में काले कानून को सांकेतिक रूप से जलाया गया। मंदिर ट्रस्ट के आगे लोहड़ी जलाकर सांकेतिक रूप से काले कानून की प्रतियों को इसमें जलाकर अंकुर मिगलानी नरेश सेतिया और अन्य दर्जनों की तादाद में लोगों ने संविधान में किए गए परिवर्तन का विरोध किया। अंकुर मिगलानी ने कहा कि अरोड़वंश धर्म मंदिर ट्रस्ट शहर का अरोड़ा समाज के लिए बड़ा महत्व रखता है तथा इसका अध्यक्ष होना एक बड़ी बात है। यह पूरे समाज का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में ट्रस्ट के वर्तमान अध्यक्ष कपिल असीजा द्वारा अपने साथियों के साथ मिलकर असंवैधानिक तरीके से संविधान में संशोधन किया गया है। यह संशोधन किसी भी रूप में नीति संगत नहीं कहा जा सकता। इस संशोधन में अध्यक्ष पद का चुनाव हारे या जीते हुए उम्मीदवारों को चुनाव के अयोग्य बनाया गया है ,वहीं कार्यकारिणी के सदस्य को ही समाज का अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के लिए योग्य घोषित किया गया है। इसके अलावा भी कई ऐसे प्रावधान रखे गए हैं जो लोकतांत्रिक नियमो की अवहेलना करने वाले हैं। अरुट समाज के ही वरिष्ठ सदस्य काला वधवा ने कहा कि जब तक संविधान में संशोधन को वापस नहीं लिया जाता। उनका आंदोलन लगातार जारी रहेगा और इसी प्रकार और सनातन धर्म मंदिर ट्रस्ट के कार्यालय के आगे उनका धरना लगातार जारी रहेगा।